तीसरे विश्व योग दिवस पर दिल्ली के लाल किला मैदान में ब्रह्मकुमारीओं के द्वारा हुआ सामूहिक योग
लाल किला मैदान में पचास हजार श्वेतवस्त्रधारी फरिश्तों की लगी महफिल
तीसरे विश्व योग दिवस पर दिल्ली में ब्रह्मकुमारीओं के द्वारा हुआ सबसे बड़ा सामूहिक योग
’’ राजयोग से मिलेगा उत्तम स्वास्थ्य और विकारों व बुराईयों से मुक्ति’’-दादी जानकी
’’योग से होता है आत्मा, परमात्मा बोध जो कि सारे शास्त्रों का सार है’’-साक्षी महाराज
’’राजयोग बनाता है कर्मेन्द्रियजीत के साथ प्रकृतिजीत भी ’’-ब्र0कु0ब्रजमोहन
नई दिल्ली 21 जूनः तीसरे अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आयुष मंत्रालय के सहयोग से आज लाल किला मैदान में सामूहिक योग के कार्यक्रम हुआ जिसमें संस्था के लगभग पचास हजार लोगों ने योग अभ्यास किया।
इस कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका 102 वर्षीय राजयोगिनी दादी जानकी जी अध्यक्षता में विशिष्ट अतिथि लोकसभा सांसद साक्षी महाराज, यहूदी समाज के ई0आई0मालेकर, बहाई धर्म के नेशनल ट्रस्टी डॉ0ए0के0मर्चेन्ट, ईसाई धर्म के डॉ0फादर जोन्स, मुस्लिम धर्म के हुसैन मेमोरियल सोसाईटी के अध्यक्ष दिलदार हुसैन बेग एवं सी0बी0आई0 के पूर्व निदेशक डी.आर.कार्तीकेयन आदि ने भाग लिया। साथ ही लखनऊ में आयोजित योग कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी द्वारा किये गये उद्धबोधन का सीधा प्रसारण बड़ी स्क्रीन पर उपस्थित सभी लोगों के सामने हुआ।
ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका 102 वर्षीय राजयोगिनी दादी जानकी जी ने अपने आर्शीवचन में कहा कि योग वह है जिसमें ‘मैं कौन’ अर्थात अपने को आत्म रूप में पहचान कर ‘मेरा कौन’ अर्थात उस परमात्मा पिता को जान कर उससे सम्बन्ध जोड़ना है। परन्तु हम असली आत्मिक ‘में’ को भूल देह अभिमान एवं अंहकार के ‘मैं’ में फंस जाते है तथा असली ‘मेरा कौन’ को भूल लोभ एवं मोह में फंस जाते हैं। राजयोग से न केवल उत्तम स्वस्थ्य प्राप्त होता है, बल्कि इस झूठे एवं व्यर्थ के अभिमान, अंहकार, लोभ, मोह से से हम छूट पाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वास्तव में शारीरिक योग हठयोग है, जिससे साररिक स्वस्थ्य प्राप्त होता है। जबकि राजयोग बुद्धि योग है, परमात्मा को मनबुद्धि और सर्व संबधों से याद करने का योग है, इससे सर्वांगीण स्वस्थ्य के साथ साथ आपसी सम्बन्ध मैं मधुरता तथा समाज में शांति, सदभावना, भाईचारा एवं विश्व बन्धुत्व की वातावरण निर्मित होती है। इस राजयोग से जीवन मैं सच्चाई, सफाई, सादगी और समृद्धि आती है, मनुष्य सब प्रकार की बुराई और व्यसनों से मुक्त हो जाता है।
लोकसभा सांसद साक्षी महाराज ने ऐसे आयोजनों के लिए शुभ कामनायें देते हुए कहा कि योग से आत्मा एवं परमात्मा का बोध होता है और यही गीता व सभी वेदों, ग्रन्थों, शास्त्रों को सच्चा सार है और इसी से ही व्यक्ति, समाज और प्रकृति व्यबस्थित, स्वस्थ और सुखदायी होजाएंगे।
उन्होंने अपने द्वारा लिखी गयी ’’गीता एक योग शास्त्र है’’ की प्रति दादी जानकी सहित मंचासीन सभी समुदायों के धर्म नेताओं को भेट की।
ब्रह्माकुमारी संस्था के मुख्य प्रवक्ता ब्र0कु0ब्रजमोहन ने कहा कि राजयोग से हम कर्मेंन्द्रियजीत के साथ प्रकृतिजीत भी बन जाते है जिसका ताजा उदाहरण है कि यहां जो आज सवेरे तीन बजे से बारिश हो रही थी वह सामूहिक राजयोग के प्रयोग से बारिश रूक गयी। उन्होंने कहा कि हर साल लाल किले के इस मैंदान पर इस योग का आयोजन किया जाता है वो भी सभी धर्मों के साथ मिलकर। यह राजयोग मन और कर्मेन्द्रियों को शान्त और शाक्तिशाली बना देता है और विकारों से मुक्त करता है।
यहूदी समाज के ई0आई0मालेकर ने इस अवसर पर कहा कि हर व्यक्ति स्वस्थ जीवन, स्वस्थ मन की खोज में है, इसके लिए योग को अपनाना होगा। योग किसी धर्म, जाति विशेष से जुड़ा हुआ नहीं है। योग तो हमें शीतलता और शक्ति प्रदान करता है।
बहाई धर्म के नेशनल ट्रस्टी डॉ0ए0के0मर्चेन्ट ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि योग से ही सृष्टि उत्पन्न हुई है। शान्ति, भाईचारें एवं एकता के लिए समस्त विश्व को एक परिवार समझना होगा।
हुसैन मेमोरियल सोसाईटी के अध्यक्ष दिलदार हुसैन बेग ने अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि योग बनाये निरोग अर्थात योग हमारे जीवन के सारे रोगों को मिटा देता है। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्था के सदस्यों को शान्तिदूत बताते हुए कहा कि ये वास्तव में योग के ऐसे आयोजन करके मनुष्य जीवन और समाज में शान्ति और अमन लाने का कार्य कर रहे हैं।
ईसाई धर्म के डॉ0फादर जोन्स ने कहा कि योग मनुष्य और प्रकृति के बीच सदभाव बनाता है। योग मानव, प्रकृति और संसार को जोड़ता है तथा हमारे जीवनशैली को बदल देता है।
सी0बी0आई0 के पूर्व निदेशक डी.आर.कार्तीकेयन ने कहा कि योग शरीर, मन व आत्मा को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है। ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा सिखलाये जा रहे योग ध्यान से परिवार, समाज और पूरे विश्व में सदभावना, एकता और भाईचारा आ सकती है।
ब्रह्माकुमारी संस्था की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका एवं कार्यक्रम की निदेशिका ब्र0कु0 आशा ने उपस्थित जनसमूह को बताया कि राजयोग के प्रयोग के प्रत्यक्ष प्रमाण 102 वर्षीय दादी जानकी है जो सदैव एक्टिव तथा मानसिक रूप से शक्तिशाली है। परमात्मा के साथ योग से दादी अपने शरीर में होने वाले रोगों पर विजय प्राप्त की हैं।