International Yoga Day Celebrations at Siri Fort Auditorium in Delhi

तृतीय अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पूर्व एक विशेष सार्वजनिक कार्यक्रम हुआ
 
’’शरीर व मन के सन्तुलन के लिए जरूरी है योग तथा जीवनशैली में परिवर्तन’’-श्री विजय गोयल
’’ध्यान योग से ही होगी मन में शान्ति और अपराध की रोकथाम’’- डॉ0एच.आर.नागेन्द्र
 
नई दिल्ली 18 जूनः तृतीय अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयुष मंत्रालय के सहयोग से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आज सिरीफोर्ट सभागार में ’’योगा एक स्वस्थ जीवन शैली’’ तथा ’’शान्ति व सुख के लिए परमात्म शक्तियों की प्राप्ति ’’ शीर्षकों पर एक दिवसीय सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
युवा एवं खेल के केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री विजय गोयल मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि योग केवल व्यायाम तक ही सीमित न रह जाये, अतः इसे हम अपनी जीवनशैली बना लें। दिन प्रतिदिन हम ऐसे कर्म करते रहे है जो हमारे जीवन को बुराई की ओर ले जा रहें है। इसलिए हमें अपनी जीवनशैली में स्वस्थ एवं सकारात्मक परिवर्तन लाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि योग को खेलों में शामिल करने का प्रस्ताव आया है, परन्तु योग को हम खेलों की तरह प्रतियोगिता नहीं बना सकते। योग शरीर व मन दोनों के सन्तुलन के लिए जरूरी है, इसलिए योग को विद्यालयों में लागू करना आवश्यक है। योग से सकारात्मकता आती है और यह संस्कार माता-पिता के द्वारा बचपन से ही दी जानी चाहिए। सकारात्मक विचारों से एकाग्रता बढ़ती है जो योग की ओर ले जाने में सहायक है।
योग गुरू डॉ0 एच.आर.नागेन्द्र ने योग को स्पष्ट करते हुए कहा कि केवल आसन ही योग नहीं परन्तु समग्रता आवश्यक है। योग जीवन जीने की कला है, मूल आत्म स्वरूप पर पहुँचना ही योग है, जिससे मन एकाग्र एवं शान्त होता है। सभी मनुष्यों में दैवी व आसुरी सम्पदा है, परन्तु योग द्वारा हम अपनी अपराध व भ्रष्टाचार रूपी आसुरी प्रवृतियों को समाप्त कर सकते हैं। दैवी सम्पदा मोक्ष की ओर ले जाती है इसलिए यही रास्ता उपयुक्त है।
उन्होंने आगे कहा कि योग से जीवन में सन्तुलन आता है। ध्यान योग हमारे मन को शान्त करता तथा विचारों की संख्या को नियंत्रित करता है। ध्यान योग से आन्तरिक शक्ति की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में योग को लाना है। उन्होंनेे कहा कि विश्व में शान्ति की स्थापना हेतु ब्रह्माकुमारीज द्वारा की जा रही आध्यात्मिक ज्ञान व योग की सेवायें सराहनीय है।
 
भारत एवं भूटान में संयुक्त राष्ट्र संघ के निदेशक डर्क सीगर ने इस उपलक्ष्य पर कहा कि योग भारत की समग्र विश्व को अनमोल भेट है। योग शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक स्वास्थ्य प्रदान करता है। भारत का यह प्राचीन योग इस समय के लिए बहुत-बहुत आवश्यक है जो किसी भी धर्म व जाति से सम्बन्धित नहीं बल्कि मानवता के लिए है। योग रोगों से मुक्ति दिलाती है, योग से विषम परिस्थितियों में भी तनाव मुक्त रहकर परिस्थितियों का सामना किया जा सकता है तथा यह दिव्यांग लोगों के लिए भी सहायक है। योग हमें अन्तर आत्मा से जोड़ता है तथा हमें भौतिकता के कुप्रर्भाव से मुक्त करता है।
 
आयुष मंत्रालय के उप सचिव अन्शुमन शर्मा ने तृतीय अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभ कामनायें देते हुए कहा कि योग के लिए संसाधन नहीं इच्छा की आवश्यकता है, योग से आनन्द की अनुभूति होती तथा कार्यकुशलता बढ़ती है। उन्होंने आयुष मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही अनेक योजनाओं से अवगत कराया तथा कहा कि योग समता और सामंजस्य का संदेश देेने का माध्यम है, जिससे वसुधैव कुटुम्बकम का स्वप्न साकार किया जा सकता है।
डी0आर0डी0ओ0 के अध्यक्ष डॉ0 ललित कुमार ने इस अवसर पर अपने जीवन के अनुभवों को सांझा करते हुए कहा कि राजयोग के द्वारा हमारी क्षमता बढ़ती है, योग व प्राणायाम से बिमारी का ठीक किया जा सकता है। राजयोग आँख खोलकर किया जाता है इसलिए इसे कर्म करते भी किया जा सकता है। डी0आर0डी0ओ0 ने राजयोग पर ब्रह़माकुमारीज के साथ मिलकर रिसर्च की तथा राजयोग को विषम परिस्थितियों में रहने वाले सैनिकों को सिखाया गया तो उनकी क्षमता, धर्यता एवं मानसिक सन्तुलन में वृद्धि हुई।
ब्रह्माकुमारी संस्था के रशिया स्थिति सेवाकेन्द्रों की निदेशिका बी0के0चक्रधारी ने ब्रह्माकुमारी संस्था का परिचय देते हुए कहा कि संस्था अपने 137 देशों में लगभग 8500 सेवाकेन्द्र के माध्यम से आत्मा, परमात्मा का ज्ञान, परमात्मा से सम्बन्ध अर्थात योग, और उससे अपने जीवन में धारणाओं के पश्चात ईश्वरीय सेवा से मनुष्य जीवन और समाज में सुख शान्ति आती है।
ब्रह्माकुमारी संस्था के मुख्य प्रवक्ता बी0के0ब्रजमोहन जी ने कहा कि राजयोग केवल शारीरिक व्यायाम तक सीमित नहीं है बल्कि यह तो आत्मा के परमात्मा से मिलन की विधि है, जिससे मन, वचन व कर्म में समानता आती है। इससे व्यक्ति, समाज व समग्र विश्व का कल्याण होता है।
कार्यक्रम में योग के आवश्यकता व फायदे पर विशेष तौर पर टॉक शो का आयोजन किया गया जिसमें एम्स में कार्डियो व ऐनेस्थिसिया की प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डॉ0 उषा किरण, जी.बी.पन्त अस्पताल के प्रोफेसर एवं कार्डियोलोजिस्ट डॉ0 मोहित गुप्ता, राजयोग शिक्षिका ब्र0कु0रमा ने परिचर्चा की।
सायंकाल में ’’शान्ति व सुख के लिए परमात्म शक्तियों की प्राप्ति ’’ शीर्षक पर हुए सत्र में ब्रह्माकुमारिज संस्थान के प्रमुख राजयोगिनी दादी जानकी जी,  सांसद मिनाक्षी लेखी, सांसद रमेश बिधुरी, बॉलीवुड के एक्ट्रेस दिव्या खोसला कुमार तथा ब्रह्माकुमारी के ओमशान्ति रिट्रिट सेन्टर, गुरूग्राम की निदेशिका राजयोगिनी आशा ने अपने विचार रखें।
 

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6 Responses

  1. Please enroll for 35th mind body workshop

  2. Dr indrani says:

    Nice

  3. Dr.M.Soren says:

    Please register name of Dr. M.Soren and Dr.S.Hembram in the 35th conference of Mind-Body Medicine from 26-29 Jan 18.

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