BK Shivani’s Talk on ‘Tension Free Life Style’ at CIDCO Exhibition Centre

प्रजापिता ब्रह्माकुमारिज ईश्वरीय विश्वविद्यालय की जग प्रख्यात प्रवक्ता बी.के. शिवानी का “टेंशन फ्री लाइफ स्टाइल” विषय पर वाशी नवी मुंबई के सिड्को एक्स्हिबीशन सेंटर के भव्य हॉल में रविवार दिनांक 15 अक्टूबर २०१७ को शाम ५ बजे से ८ के बिच 6000 से अधिक मात्रा में आये लोगो के सन्मुख आयोजन किया गया |
कार्यक्रम में सिड्को के सुपरितेडेंट इंजिनियर भ्राता गिरी, सेंट मेरी चर्च के माननीय फाधर अब्राहम जोशेफ़, आ.बहन मंदा ताई म्हात्रे (MLA), आ. भ्राता R.S रौतेला जी (DIG – CRPF), भ्राता D.S यादव (चेयरमैन – याक मरीन अकादेमी), बहन वैशाली हंग्रेकर (जज नवी मुंबई ​सेशन कोर्ट ), आ. बहन शुभदा नायक (वाईस प्रिन्सिपल मोडर्न कॉलेज), भ्राता सुनील चौहान (IAS ऑफिसर), पनवेल महानगर पालिका के महापौर, सभापति, तथा अनेक नगर सेवक और गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे |
सभी महेमानो की उपस्थिति में दीप प्रजवलन द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत की गयी|
इस अवसर पर सिड्को के सुपरितेडेंट इंजिनियर भ्राता गिरी ने सिड्को की तरफ से सभी का दिल से स्वागत किया | सेंट मेरी चर्च के माननीय फाधर अब्राहम जोशेफ़ जी ने ब्रह्माकुमारिज के कार्य को खूब सराहा | और कहा की आज के भौतिकता के युग में इस अध्यात्मिक ज्ञान की बहुत आवश्यकता है | आ.बहन मंदा ताई म्हात्रे ने कहाँ की संस्था के साथ उनका पिछले ३० साले से स्नेहपूर्ण रिश्ता है | संस्था का कार्य बढ़ता हुआ देख वे बहुत खुश है | संस्था की महाराष्ट्र व् आँध्रप्रदेश जोन संचालिका आ. संतोष दीदीजी ने अपने आशीर्वचन में कहा की आज मनुष्य अपने विचारो से ही अधिक दुखी है | अपने विचारो को भावनाओ को शुभ और श्रेष्ठ बनाने से हम सुखी होंगे |
सभी महेमानो को ईश्वरीय सौगात एवं शाल देकर सन्मानित किया गया|
कार्यक्रम की मुख्य प्रवक्ता आ.बहन शिवानीजी ने स्ट्रेस का कारण बताया की हम सारा दिन दुसरो से अपेक्षाए रखते है, इसलिए हताश होते है| इसलिए एक्स्पेकटेसन के बजाए अटेंशन रखे, तोह टेंशन फ्री हो जाएँगे | हम पैसे कमाने का लक्ष्य रखते है, लेकिन जीवन में हैप्पीनेस, ख़ुशी और आनंद भी कमाने का लक्ष्य रखे | उसके लिए अपने कर्म सुखदायी बनाएँ साथ हम अपनी आत्मा के ७ निजी गुणों को यूज़ करे | दीवाली की शुभकामनाए सभी को दी, और सबसे प्रतिज्ञा ली की दिवाली के पहेले ३ दिन घर की सफाई के साथ मन की सफाई भी अवश्य करे | और मन में दिया जलाए | दिया का अर्थ है देना ही  देना है, लेना कुछ नहीं | लोगो से दुआए कमानी है |
अंत में मैडिटेशन कराया और शांति से सभी को विदा किया |

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3 Responses

  1. Dr.Ravindrakumar says:

    I am very interesting the subject .I will participate the 35th national conference on mind-bodymedicine.

  2. Dhrasti panchal says:

    Good experience & Encourage

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