Breast cancer

कैन्सर की बीमारी किसी भी व्यक्ति,पुरुष या स्त्री को हो सकता है ।महिलाओं में सबसे अधिक होने वाला जो प्रकार है – वो है ब्रेस्ट कैन्सर।

कैन्सर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्याम जी रावत ने इस विषय पर प्रकाश डाला ।

भारत को दो वर्ग में विभाजित करे तो एक है ग्रामीण क्षेत्र और दूसरा है शहरी भारत। ग्रामीण क्षेत्र में सर्वाइवल कैन्सर के केसेज़ अधिक होते है और शहरों में ब्रेस्ट कैन्सर।

ब्रेस्ट कैन्सर का मुख्य कारण महिलाओं में hormonal imbalance होता है ।

WHO ने कुछ कारण बताएँ है और कुछ हमारे भारतीय परिपेक्ष में भी बातें है ।जैसे – menstrual cycle कम आयु में शुरू होना और अधिक आयु में बंद होना, शादी देरी से करना, संतान का जन्म देरी से होना, गर्भ निरोधक दवाईयों का सेवन, बच्चों को स्तन पान नहीं कराना इस प्रकार के कारण हार्मोनल exposure को बढ़ावा देते है जिससे कैन्सर होने की सम्भावना बढ़ जाती है ।

ब्रेस्ट कैन्सर genetic अर्थात् आनुवंशिक भी है ।नानी,माँ या मौसी में से किसी को कैन्सर हो चुका है तो भी chances हो सकते है ।

जिनका वज़न अधिक है वे भी category में आ सकती है ।

महिलाओं की lifestyle में परिवर्तन जैसे खान पान ,सिगरेट पीना,शराब का सेवन ,शादी मे देरी की वजह से बच्चे देरी से होते है और ब्रेस्ट फ़ीडिंग भी देरी से होने से ब्रेस्ट कैन्सर हो सकता है ।

वर्तमान समय में हर ५ महिलाओं में से १ को जीवन में किसी भी समय यह कैन्सर होने की आशंका जताई जा रही है ।

ब्रेस्ट कैन्सर से बचने के लिए हर महिला को जो ३० वर्ष से अधिक है उन्हें निरंतर अंतराल में अपनी ब्रेस्ट की स्वयं भी जाँच करते रहना चाहिए |

वैसे तो 80-90% तक गाँठे cancer की नहीं होती है ।

breast के side में गठान होना, साइड में गठान होना, निप्पल अंदर की तरफ़ जाना, गर्दन की तरफ़ गठान  होना ऐसे कुछ शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।अगर ऐसी कोई भी लक्षण हैं तो हमें अपने फिजिशियन के  pass जाकर जाँच करानी होती है। मेमोग्राफ़ी, बायोप्सी इस प्रकार की cancer की जाँच करने के लिए उपलब्ध है जिससे पता चलता है कि गठान है वो कैन्सर की है या नहीं।

इस cancer के treatment के लिए चार चरण  है। सर्जरी , कीमोथेरेपी ,रेडिएशन  और हार्मोनल थेरेपी   । किस प्रकार की treatment देनी है यह इस बात पर निर्भर करता है कि breast cancer की गठान कैसी है ।हर patient को अलग अलग treat किया जाता है । महिलाएँ बायोप्सी की जाँच कराने से डरती है उन्हें  लगने लगता है गठान  का टुकड़ा निकालकर जाँच करने से और फ़ैल  सकता है लेकिन यह एक ग़लत जानकारी है | cancer उसी गति  से फैलेगा जिस तरह से फैलता है |  जब तक बायोप्सी की जाँच नहीं होती है तब तक पता नहीं चलता है cancer का इलाज किस  प्रकार से करना है इसलिए जाँच अति आवश्यक होती है ।

breast cancer लाइलाज नहीं है लेकिन इसका पूरा इलाज होना ज़रूरी है अन्यथा हम ऐसा नहीं कह सकते मात्र surgery कराने से कोई भी cancer से सम्पूर्ण तरह से मुक्त है ।पहले ४० से अधिक उम्र की महिलाओं  में कैन्सर होता था अब कम उम्र में भी  होने लगा  है ।

एक खास बात यह भी है कि पुरुषों में भी ब्रेस्ट कैन्सर होता है लेकिन ऐसे केस की संख्या बहुत कम है।

कोई भी चाहे महिला हो अथवा पुरुष ,early stage cancer detection से कैन्सर के ठीक होने के chance बढ़ जाते है ।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.