अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह 21 जून, 2018
जन जागृति यात्रा से बताया जीवन में राजयोग का महत्व
– ब्रह्माकुमारीज के शांतिवन परिसर में कदम से कदम मिलाकर चले शांतिदूत
– यात्रा के समापन पर सभी ने सीखे योग के गुर
– दादी रतनमोहिनी ने बताया राजयोग का महत्व
– अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में योग महोत्सव का आयोजन
शांतिवन में निकाली जन जागृति यात्रा, जीवन में योग को शामिल करने का दिया संदेश
20 जून, आबू रोड
हाथों में शिवध्वज लेकर कदम से कदम मिलाते हुए श्वेत वस्त्रधारी भाई-बहनें राजयोग का संदेश देते चले तो कुछ पल के लिए लगा कि फरिश्ते जमीं पर उतर आए हों। मौका था अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा बुधवार सुबह निकाली गई जन जागृति यात्रा का। बहनों ने हाथों में योगा नारे के तख्तियां थामकर योग और राजयोग को जीवन में अपनाने का संदेश दिया। यात्रा के समापन पर डॉयमंड हॉल में योग महोत्सव मनाया गया। मुख्य प्रशासिका दादी जानकी ने कहा कि एक परमात्मा को अपने दिल में बसा लो तो वह दिलाराम आपकी संभाल करेगा। उससे ऐसा योग हो जो हर समय एक की ही याद रहे। जहां सच्चा स्नेह होता है वहां सब आसान हो जाता है।
संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि राजयोग सहज योग है। इसे किसी भी आसन में बैठकर किया जा सकता है। स्वयं परमपिता परमात्मा इस धरा पर आकर हम बच्चों को सहज राजयोग की शिक्षा देते हैं। राजयोग से हमारे विचार शुद्ध हो जाते हैं। सर्वशक्तिमान परमात्मा से योग लगाने से आत्मा शक्तिशाली बन जाती है। स्वयं को आत्मा समझ परमात्मा से मन लगाएंगे तो सदा मन और शरीर दोनों स्वस्थ रहेंगे। सदा खुशी के गीत गाते रहें। कर्म करते समय हमारे मन और बुद्धि में सदा परमात्मा की याद रहे।
योग करें, स्वस्थ रहें: कोठारी
यूआईटी के चेयरमैन सुरेश कोठारी ने कहा कि योग करें और जीवन में सदा स्वस्थ रहें। आज हमारे योग को पूरी दुनिया मानने लगी है। प्रधानमंत्री ने इसे योग दिवस के रूप में पूरी दुनिया में इसका महत्व उजागर किया है। सभी के लिए योग जरूर करना चाहिए। इससे हमारे तन-मन सदा निरोगी रहता है।
आबू रोड नगरपालिका अध्यक्ष सुरेश जिंदल ने कहा कि भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। संस्थान द्वारा शांति और योग का संदेश पूरी दुनिया में दिया जा रहा है। आज योग के महत्व पूरी दुनिया समझने लगी है। प्रधानमंत्री ने योग को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में स्थापिक करके भारत की पहचान विश्व में बनाई है।
योग से ही स्वयं को जान सकते हैं
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके गीता बहन ने कहा कि योग अनुभूति की विषय वस्तु है। जब तक हम स्वयं योग में अनुभूति नहीं करेंगे तब तक दूसरों को भी अनुभूति नहीं करा सकेंगे। योग स्वयं को जानने, समझने और परमात्मा से मिलन मनाने का जरिया है। माउंट आबू ग्लोबल हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. प्रताप मिड्ढा ने कहा कि यदि सभी लोग योग करने लगें तो डॉक्टर के पास जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। शांतिवन के मुख्य अभियंता बीके भरत भाई ने कहा कि पीएम के आह्नान पर आज पूरा विश्व योग करने लगा है ये हमारे लिए गौरव की बात है।
एक माह से चल रहे योग महोत्सव का समापन
कार्यक्रम में मेडिकल विंग के कार्यकारी सचिव डॉ. बनारसीलाल शाह ने कहा कि संस्थान द्वारा पिछले एक माह से सिरोही जिलेभर में योग महोत्सव मनाया जा रहा था। इसके तहत गांव-गांव में लोगों को रैली व अन्य आयोजन के जरिए योग और राजयोग का संदेश दिया गया। साथ ही लोगों में योग के प्रति जागरुकता फैलाई गई। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा इस वर्ष ब्रह्माकुमारीज की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन को 18 जिलों में योग के कार्यक्रम करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई थी,जिसमें से चार जिले राजस्थान के भी शामिल हैं। इसके अलावा देशभर में संस्थान के सेवाकेंद्रों द्वारा योग महोत्सव मनाया जा रहा है। योग प्रशिक्षक बीके बाबू भाई ने सभी को योग के आसन कराकर एक्सरसाइज कराई। संचालन बीके चंदा बहन और बीके कृष्णा बहन ने किया।