राजस्थान सरकार के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया प्रशिक्षण

ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मेडिकल विंग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेशभर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। मनमोहिनीवन कॉम्पलेक्स में आयोजित इस प्रशिक्षण में प्रदेशभर के 500 अधिकारियों को आध्यात्म, राजयोग मेडिटेशन की शिक्षा के साथ फील्ड में बेहतर कार्य करने के लिए मोटिवेट किया जा रहा है। प्रशिक्षण की शुरुआत 22 सितंबर से की गई।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन राजस्थान के डायरेक्टर एवं सेक्रेटरी आईएएस नवीन जैन ने कहा कि स्वास्थ्य कल्याण केंद्र के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्हें अपने काम से यह सिद्ध करना होगा कि पूर्व में एएनएम द्वारा संचालित सब सेंटर की तुलना में सीएमओ द्वारा संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य कल्याण केंद्र बेहतर हैं। स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ. प्रेमसिंह ने आयुष्मान भारत योजना की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही इसका लाभ लोगों को दिलाने के लिए अधिकारियों को लोगों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए।
ब्रह्माकुमारी•ा के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि शरीर के कल्याण से ही मन का कल्याण जुड़ा हुआ है। यदि हमारा तन स्वस्थ है तो मन भी स्वस्थ रहता है और यदि मन स्वस्थ है तो तन भी स्वस्थ रहता है। तन-मन का आपस में गहरा संबंध है। यदि दोनों में से एक भी स्वस्थ नहीं तो उसे हम संपूर्ण स्वास्थ्य नहीं कहेंगे। राजयोग हमें बेहतर जीवन जीने की कला सिखाता है। इसके अभ्यास से हम शारीरिक बीमारियों को भी ठीक कर सकते हैं।
ट्रॉमा हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. सतीश गुप्ता ने कहा कि बीमारियों का सीधा संबंध हमारे विचारों से है। यदि हमारे विचार सकारात्मक और श्रेष्ठ हैं तो हम बीमारियों से दूर रहेंगे, वहीं यदि हमारे विचार नकारात्मक और द्वेष, ईष्र्या, नफरत से भरे हैं तो बीमारियां आएंगी। डॉ. सचिन परब ने कहा कि बीमारियों का कारण है दूसरों को स्वीकार नहीं कर पाना।
प्रदेश को नशामुक्त करने में सभी की भूमिका महत्वपूर्ण…
मेडिकल विंग के कार्यकारी सचिव डॉ. बनारसीलाल ने कहा कि राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संस्थान ने प्रदेश को नशामुक्त करने का बीड़ा उठाया है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के सभी छोटे-बड़े अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसके पहले भी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बहुत ही अच्छे परिणाम मिले हैं। बता दें कि इस प्रशिक्षण में सभी अधिकारियों को तन के स्वास्थ्य के साथ मन के स्वास्थ्य के लिए आध्यात्म और मेडिटेशन की विशेष तौर पर क्लासेस की जा रही हैं। साथ ही सुबह 4 बजे से दिनचर्या शुरू होती है। इसमें सभी को हर बात प्रैक्टिकल रूप में बताई जा रही है।

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1 Response

  1. Suresh nayak says:

    I agree

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